झालावाड़ जिला Gk
🔷️शुभंकर- गागरोनी तोता
🔷️उपनाम - ब्रजनगरी, झालाओ की नगरी, राजस्थान का नागपुर
🔷️झालावाड़ नगर की स्थापना 1791 मे झाला जालिम सिंह द्वारा की गई।
🔷️रियासत की स्थापना- मदन सिंह
🔷️यह राजस्थान की सबसे नवीनतम रियासत है।
🔷️संतरा उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है
🔷️कोटा स्टोन एवं सैंड स्टोन हेतु प्रसिद्ध है।
🔷️बंगाल की खाड़ी मानसून राजस्थान में सर्वप्रथम प्रवेश झालावाड़ जिले में करता है।
🔷️राजस्थान मे सर्वाधिक वर्षा झालावाड़ जिले में होती है।
🔷️राजस्थान में सबसे लंबी अंतर राज्य सीमा झालावाड़ जिले की मध्य प्रदेश से लगती है।
🔷️डग गंगधर प्रदेश - झालावाड़ के दक्षिण- पश्चिमी भाग को डग गंगधर प्रदेश कहा जाता है।
🔷️झालावाड़ का पठार - डग गंगधर प्रदेश के बाद झालावाड़ का शेष भाग झालावाड़ का पठार कहा जाता
झालरापाटन
इसे घंटियों का शहर कहा जाता है।
यहां पर चंद्रभागा पशु मेले का आयोजन होता है, इसे हाडौती का सुरंगा मेला कहा जाता है।
यहां पर गोमती सागर पशु मेले का आयोजन होता है।
यहां पर सूर्य मंदिर स्थित है जिसे सात सहेलियों का मंदिर भी कहा जाता है।
गागरोन - झालावाड़
- उपनाम - डोडगढ, धुलरगभ, शाहगढ
- निर्माण- 1195 मे डोडा वंश की परमार शासक बीजलदेव ने।
- प्रवेश द्वार- बुलंद दरवाज़ा, इसका निर्माण औरंगजेब द्वारा करवाया गया।
- श्रेणी - जल/औद्युक
- यह कालिसिंध व आहू नदी के संगम स्थल पर स्थित है।
- यह दुर्ग बिना नींव के बनाया गया है।
- दुर्ग के चारों ओर तीहरा परकोटा बनाया गया है।
- देवीसिंह खींची ने इस दुर्ग का नाम गागरोन रखा।
- इस दुर्ग में मधुसूदन मंदिर स्थित है।
- यहा हमामुद्दीन की दरगाह स्थित है।
- दुर्ग में मीठे शाह की दरगाह स्थित है, इसमें गागरोनी उर्स लगता है
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